हर तीर्थ एक जैसा नहीं होता। त्र्यंबकेश्वर सिर्फ एक मंदिर नहीं है; यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जहाँ भगवान शिव अपने सबसे शक्तिशाली रूप में विराजमान हैं। यह पवित्र गोदावरी नदी का उद्गम स्थल भी है।
यहाँ काल सर्प पूजा करना 10 गुना अधिक शक्तिशाली माना जाता है क्योंकि:
दिव्य द्वार: इसे भगवान शिव तक सीधी पहुँच का द्वार माना जाता है, जिससे आपकी प्रार्थनाएं शीघ्र सुनाई जाती हैं।
प्राकृतिक शुद्धता: ज्योतिर्लिंग की आध्यात्मिक ऊर्जा (शक्ति) और गोदावरी के पवित्र जल एक शुद्ध वातावरण बनाते हैं जो नकारात्मक कर्म को निष्प्रभावी करता है।
प्राचीन: सदियों से, संतों और ऋषियों ने सबसे जटिल वैदिक अनुष्ठानों के लिए त्र्यंबकेश्वर को चुना है, जिससे यह दोष निवारण के लिए अविवादित गंतव्य बन गया है।
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