वासुकि कालसर्प दोष क्या है_

वासुकि कालसर्प दोष क्या है? जाने प्रभाव और उपाय

वासुकि कालसर्प दोष 12 प्रकार के कालसर्प दोषों में से एक है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब कुंडली में राहु पंचम भाव (5th house) में और केतु एकादश भाव (11th house) में स्थित होते हैं और शेष सभी ग्रह इन दोनों के बीच आ जाते हैं

वासुकि कालसर्प दोष क्या होता है?

यह दोष बच्चों से संबंधित चिंता, शिक्षा में बाधा, प्रेम संबंधों में असफलता और मानसिक तनाव का कारण बनता है। राहु का पंचम भाव में होना व्यक्ति की बुद्धि, संतान और क्रिएटिव सोच को प्रभावित करता है, वहीं केतु की ग्यारहवें भाव में स्थिति इच्छाओं और लाभ को सीमित करती है। यह दोष तब बनता है जब राहु जन्मकुंडली के तीसरे भाव में और केतु नवें भाव में स्थित होते हैं, तथा अन्य सभी ग्रह इन दोनों के बीच आ जाते हैं।

तीसरा भाव: भाई-बहन, संचार, यात्रा, और साहस से संबंधित।

नवां भाव: भाग्य, उच्च शिक्षा, धर्म, और आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करता है।
इस योग को “आधुनिक ज्योतिषियों की रचना” भी कहा जाता है, क्योंकि प्राचीन ग्रंथों में इसका सीधा उल्लेख नहीं मिलता

वासुकि कालसर्प दोष के लक्षण

  1. शिक्षा में लगातार विफलता या रुकावट
  2. संतान प्राप्ति में समस्या या संतान से दूरी
  3. प्रेम संबंधों में धोखा या असफलता
  4. मानसिक तनाव, डिप्रेशन या भ्रम की स्थिति
  5. स्वप्न दोष, नींद में डर लगना या सर्पों के सपने आना
  6. वित्तीय योजना बनने के बाद भी सफलता ना मिलना

वासुकि कालसर्प दोष के प्रभाव

  • जीवन में मानसिक अशांति और भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
  • विवाह या प्रेम जीवन में बार-बार समस्याएँ आती हैं।
  • संतान संबंधी चिंता, शिक्षा में अस्थिरता या निरंतर प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिलती।
  • मनुष्य को आत्मविश्वास की कमी महसूस होती है।
  • कई बार व्यक्ति को बार-बार धोखा मिलता है।

वासुकि कालसर्प दोष निवारण के उपाय

प्रभावी उपाय

  1. मंत्र जाप:
    • राहु मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”
    • केतु मंत्र: “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः”
    • महामृत्युंजय मंत्र: मानसिक शक्ति और सुरक्षा के लिए।
  2. पूजा स्थल: त्र्यंबकेश्वर (नासिक), उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर, या कालहस्ती मंदिर में विशेष पूजा कराएँ।
  3. दान और सेवा:
    • काले तिल, उड़द, या चाँदी के नाग-नागिन का दान।
    • गाय को हरी घास या गुड़ खिलाना।
  4. विशेष दिन: नाग पंचमी, महा शिवरात्रि, या अमावस्या को पूजा करने से अधिक लाभ।
  5. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करें और धान का लावा चढ़ाएं।

विवाह संबंधी समाधान

  • राहु-केतु शांति: हनुमान चालीसा का पाठ और शिवलिंग पर दूध चढ़ाना।
  • पार्टनर कुंडली मिलान: ज्योतिषीय सलाह से वैवाहिक बाधाओं को कम करें।

वासुकि कालसर्प दोष निवारण पूजा कैसे करें?

वासुकि कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन को मानसिक, शैक्षणिक और पारिवारिक रूप से प्रभावित कर सकता है। यदि आपकी कुंडली में यह दोष हो, तो त्र्यंबकेश्वर में विधिपूर्वक पूजा कराना अत्यंत फलदायी होता है। उचित पूजन और गुरु मार्गदर्शन से इस दोष को शांत कर जीवन में सुख-शांति लाई जा सकती है।

स्थान:
त्र्यंबकेश्वर को कालसर्प दोष निवारण के लिए सबसे पवित्र और प्रभावशाली स्थल माना जाता है।

पूजा विधि:

  1. स्नान एवं संकल्प
  2. नाग देवता पूजन
  3. राहु-केतु शांति मंत्र जाप
  4. कालसर्प योग निवारण रुद्राभिषेक
  5. विशेष हवन और तर्पण

पूजा अवधि: 2.5 से 3 घंटे
अनुमानित खर्च: ₹2100 से ₹5100

वासुकि कालसर्प दोष के लिए शुभ मुहूर्त

  • सर्वश्रेष्ठ दिन: नाग पंचमी, अमावस्या, रविवार, मंगलवार, या सूर्य/चंद्र ग्रहण।
  • सर्वश्रेष्ठ महीने: श्रावण, कार्तिक, चैत्र।

त्र्यंबकेश्वर में कैसे कराये वासुकि कालसर्प पूजा बुकिंग?

आप त्र्यंबकेश्वर में अनुभवी पंडितों से संपर्क करके वासुकि कालसर्प पूजा बुक कर सकते हैं, जिनमें से कई पंडित ऑनलाइन बुकिंग और निशुल्क कुंडली परीक्षण की सुविधा भी देते हैं। नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और अपनी समस्या का समाधान पाये।

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