कुलीक कालसर्प दोष क्या है_

कुलिक कालसर्प दोष क्या है?

कुलिक कालसर्प दोष एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली दोष है, जो जीवन में आर्थिक, स्वास्थ्य और पारिवारिक चुनौतियां ला सकता है। यह दोष तब बनता है जब राहु दूसरे भाव (धन और परिवार) में और केतु आठवें भाव (आयु, रहस्य और परिवर्तन) में होता है, और शेष सभी ग्रह इनके बीच आ जाते हैं।

यह दोष अपने नाम “कुलिक” से लिया गया है, जो एक पौराणिक सर्प को दर्शाता है, और यह पिछले जन्मों के कर्मों या पितृ दोष से जुड़ा हो सकता है। कुलिक कालसर्प दोष व्यक्ति को आर्थिक अस्थिरता, स्वास्थ्य समस्याओं और सामाजिक अलगाव की ओर ले जा सकता है। यह दोष तक्षक कालसर्प दोष से भिन्न है, क्योंकि यह वैवाहिक जीवन की तुलना में धन, स्वास्थ्य और गुप्त शत्रुओं पर अधिक प्रभाव डालता है।

यह दोष धन, स्वास्थ्य और सामाजिक जीवन में चुनौतियां ला सकता है, लेकिन त्र्यंबकेश्वर में कुलिक कालसर्प दोष पूजा पंडित कैलाश शास्त्री जी के मार्गदर्शन में करने से नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकती है।

कुलिक कालसर्प दोष के प्रभाव

यह दोष आर्थिक अस्थिरता, जैसे बार-बार धन हानि, कर्ज, या संपत्ति विवाद, और स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे पेट, गुर्दे या हृदय रोग, मानसिक तनाव, और गुप्त रोग ला सकता है। पारिवारिक जीवन में माता-पिता या भाई-बहनों के साथ मतभेद, सामाजिक अलगाव, और गुप्त शत्रुओं का डर इसके प्रभाव हैं। करियर में नौकरी की अस्थिरता, व्यवसाय में धोखा, या कानूनी विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।

आध्यात्मिक रूप से, यह पिछले जन्मों के कर्मों या पितृ दोष के कारण बाधाएं पैदा करता है, जिससे ध्यान और पूजा में कठिनाई होती है। ये प्रभाव ज्योतिषीय विश्वासों पर आधारित हैं और वैज्ञानिक प्रमाणों का अभाव है, लेकिन ज्योतिषी इनके निवारण के लिए पूजा और उपाय सुझाते हैं।

कुलिक कालसर्प दोष के लक्षण

कुलिक कालसर्प दोष की उपस्थिति के कुछ सामान्य लक्षण:

  • बार-बार आर्थिक नुकसान या धन संचय में असमर्थता।
  • अस्पष्टीकृत स्वास्थ्य समस्याएं, विशेष रूप से पेट या हृदय से संबंधित।
  • परिवार में लगातार तनाव या संपत्ति विवाद।
  • गुप्त शत्रुओं का डर या विश्वासघात का अनुभव।
  • सपनों में सांप, काले पक्षी, या अंधेरे स्थान देखना।
  • मानसिक अशांति, चिंता, या नकारात्मक विचारों का प्रभुत्व।

कुलिक कालसर्प दोष के उपाय

कुलिक कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय लाभकारी हो सकते हैं:

  1. पूजा और दान:
    • नाग पंचमी पर चांदी के नाग-नागिन की जोड़ी की पूजा करें और दान करें। काले तिल, उड़द दाल, या काले वस्त्र का दान शनिवार को करें। गाय को हरा चारा या जौ खिलाएं।
  2. मंत्र जाप:
    • राहु मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”। केतु मंत्र: “ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः” (108 बार रोज)।
    • शिव पंचाक्षर मंत्र: “ॐ नमः शिवाय”। महामृत्युंजय मंत्र का 21 दिन तक जाप।
  3. यंत्र स्थापना:
    • कालसर्प दोष निवारण यंत्र को विधिवत स्थापित करें और लाल चंदन से पूजा करें।
  4. विशेष अनुष्ठान:
    • 11 शनिवार तक नदी में 11 नारियल प्रवाहित करें।
    • सिद्धवट पर पितृ तर्पण करें, क्योंकि कुलिक दोष अक्सर पितृ दोष से जुड़ा होता है। शिवलिंग पर 108 बेलपत्र और गंगाजल चढ़ाएं।
  5. जीवनशैली में बदलाव:
    • मांसाहार, शराब, और तामसिक भोजन से बचें। गुप्त शत्रुओं से बचने के लिए संयमित और विनम्र व्यवहार अपनाएं। रोजाना ध्यान और प्राणायाम करें ताकि मानसिक शांति बनी रहे।

त्र्यंबकेश्वर में कुलिक कालसर्प दोष पूजा

kaal sarp dosh puja कुलिक कालसर्प दोष क्या है?

त्र्यंबकेश्वर, कुलिक कालसर्प दोष निवारण के लिए एक शक्तिशाली स्थान है। यहाँ पूजा की प्रभावशीलता निम्न कारणों से बढ़ती है:

  • धन और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए मंगल ग्रह की पूजा प्रभावी है।
  • पितृ दोष निवारण के लिए प्रसिद्ध, जो कुलिक दोष से जुड़ा हो सकता है।
  • स्नान से कर्मिक शुद्धि होती है।

पूजा की प्रक्रिया

पंडित कैलाश शास्त्री जी, त्र्यंबकेश्वर के एक प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषी, इस पूजा को मंदिर में विधिवत संपन्न करवाते हैं। प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. संकल्प: पंडित जी भक्त का नाम, गोत्र, और पूजा का उद्देश्य उच्चारण करते हैं।
  2. गणेश-गौरी पूजा: बाधाओं को दूर करने के लिए पूजा।
  3. नवग्रह पूजा: राहु और केतु पर विशेष ध्यान।
  4. शिवलिंग अभिषेक: पंचामृत, बेलपत्र, और चांदी के नाग-नागिन चढ़ाए जाते हैं।
  5. मंत्र जाप: राहु-केतु मंत्रों का 108–1000 बार जाप।
  6. हवन: काले तिल, घी, और चंदन की लकड़ी के साथ हवन।
  7. नाग पूजा: चांदी के नाग-नागिन की पूजा, जिन्हें बाद में अलग-अलग नदियों में प्रवाहित किया जाता है।
  8. पितृ तर्पण (वैकल्पिक): सिद्धवट पर पितृ दोष निवारण के लिए तर्पण।
  9. आरती और प्रसाद: शिव आरती और कालसर्प यंत्र, पंचमेवा, या रुद्राक्ष का प्रसाद।

कुलिक कालसर्प दोष पूजा की लागत

  • आधारभूत पूजा: ₹2,100+
  • मानक पूजा: ₹3,100+

शुभ मुहूर्त

  • नाग पंचमी, अमावस्या, शनिवार, या मंगलवार।
  • श्रावण, कार्तिक, चैत्र।

त्र्यंबकेश्वर में कैसे कराये कुलिक कालसर्प दोष पूजा?

कुलिक कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए पंडित कैलाश शास्त्री जी से संपर्क करें और आज ही पूजा बुक करें तथा अपने जीवन में शांति और समृद्धि लाएं। नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और इस दोष से हमेशा के लिए छुटकारा पाएँ।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *