शंखचूर्ण कालसर्प दोष क्या है? जाने प्रभाव और कारण
शंखचूर्ण कालसर्प दोष वेदिक ज्योतिष में मान्यता प्राप्त 12 प्रकार के कालसर्प दोषों में से एक है। यह दोष तब देखने को मिलता है जब कुंडली में राहु और केतु की विशेष स्थिति होती है, जिसके कारण आर्थिक, पारिवारिक, और मानसिक समस्याएँ आती हैं।
यह दोष व्यक्ति को अभिमानी, क्रोधी, और स्वार्थी बना सकता है, साथ ही वैवाहिक जीवन में तनाव और करियर में बाधाएं ला सकता है। यह पिछले जन्म के कर्मों का परिणाम माना जाता है, जो वर्तमान जीवन में कठिनाइयों के रूप में प्रकट होता है।
Contents
- 1 शंखचूर्ण कालसर्प दोष कैसे बनता है?
- 2 शंखचूर्ण कालसर्प दोष के प्रभाव कौन-कौन से है?
- 3 शंखचूर्ण कालसर्प दोष के 5 चमत्कारिक उपाय
- 4 शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा त्र्यंबकेश्वर में कैसे कराये?
- 5 त्र्यंबकेश्वर मे कालसर्प पूजा-विधि
- 6 शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा के लाभ
- 7 त्र्यंबकेश्वर, नासिक मे कालसर्प दोष पूजा खर्च कितना है?
- 8 शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा त्र्यंबकेश्वर में कैसे बुक करें?
शंखचूर्ण कालसर्प दोष कैसे बनता है?
जब राहु पंचम भाव (5th house) में और केतु एकादश भाव (11th house) में स्थित हो, और सभी शेष ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि) इन दो ग्रहों के बीच आ जाएं, तब शंखचूर्ण कालसर्प दोष का निर्माण होता है। यह योग दर्शाता है कि व्यक्ति को संतान सुख, विचारों में अस्थिरता, और लाभ की हानि जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष के प्रभाव कौन-कौन से है?
- लक्ष्य को प्राप्त करने में बार-बार विफलता का सामना।
- संतान प्राप्ति में बाधा आना।
- पठन-पाठन में कठिनाई, विशेष रूप से बच्चों को मानसिक तनाव बना रहना।
- मन में नकारात्मक विचार, बार-बार चिंता
- सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट होना।
- निजी और व्यावसायिक जीवन में असंतुलन होना।
- कमाई में रुकावट और मेहनत का पूरा फल न मिलना।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष के 5 चमत्कारिक उपाय
शंखचूर्ण कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय हैं, किन्तु निम्नलिखित उपाय अधिक प्रभावी माने जाते है:
- भगवान शिव की पूजा:
रोजाना शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र चढ़ाएं। “ॐ नमः शिवाय” और महामृत्युंजय मंत्र (“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”) का जाप करें। प्रदोष तिथि पर रुद्राभिषेक करें, जो विशेष रूप से लाभकारी होता है।
2. राहु और केतु के मंत्र:
राहु मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” और केतु मंत्र: “ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः” का नियमित रूप से जाप करें। इन मंत्रों को 1.25 लाख बार जाप करने की सलाह दी जाती है, लेकिन यदि संभव न हो, तो नियमित रूप से करें।
3. हनुमान चालीसा: रोजाना हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें। प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर में सारसो के तेल का दीपक जलाए।
4. नाग-नागिनी का चांदी या पंचधातु का जोड़ा:
सोमवार को भगवान शिव को नाग-नागिनी का चांदी या पंचधातु का जोड़ा चढ़ाएं। यह उपाय विशेष रूप से सावन में लाभकारी है।
5. कालसर्प शांति पूजा:
त्र्यंबकेश्वर, नासिक में कालसर्प पूजा करवाएं। यह पूजा विशेष रूप से प्रभावी है और इसमें गोदावरी नदी में स्नान, शिवलिंग पूजा, नागमंडल पूजा, हवन, और मंत्र जाप शामिल हैं।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा त्र्यंबकेश्वर में कैसे कराये?
त्र्यंबकेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और कालसर्प दोष शांति का अत्यंत प्रभावी केंद्र माना जाता है। यहां विशेष वैदिक परंपरा से मंत्रोच्चार, हवन, और नाग पूजन किया जाता है, जिससे दोष के प्रभाव को शांत किया जा सकता है।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है, परंतु सही और अनुभवी पंडित द्वारा की गई विधिपूर्वक पूजा से इस दोष का प्रभाव कम किया जा सकता है।
त्र्यंबकेश्वर मे कालसर्प पूजा-विधि
- पूजा से पूर्व गोदावरी नदी में स्नान कर शुद्धि।
- कुंडली का विश्लेषण करवाकर दोष की पुष्टि करना।
- पंडित द्वारा मुहूर्त निर्धारित करना (विशेषतः श्रावण मास या नागपंचमी)।
- नागमंडल पूजा: चाँदी, सोने, और ताँबे की 12 नाग मूर्तियों की स्थापना कर षोडशोपचार पूजा।
- रुद्राभिषेक: शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल से अभिषेक।
- हवन: 108 आहुतियों के साथ राहु-केतु के मंत्रों का जाप।
- ताम्रपत्र पूजा: तांबे की प्लेट पर मंत्र उकेरकर उसे गोदावरी नदी में विसर्जित करना।
- नाग मूर्तियों को नदी में प्रवाहित करना।
- ब्राह्मणों को दान (सफेद वस्त्र, अनाज, नाग प्रतिमा)।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा के लाभ
- जीवन में मानसिक शांति
- संतान सुख में वृद्धि
- शिक्षा और करियर में उन्नति
- आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि
- बुरे प्रभावों से सुरक्षा
- मित्रों और सामाजिक जीवन में सुधार
त्र्यंबकेश्वर, नासिक मे कालसर्प दोष पूजा खर्च कितना है?
शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा का खर्च दोष की जटिलता, पंडित जी और स्थान पर निर्भर करता है। यदि आप उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण पूजा कराना चाहते है तो यहा पूजा खर्च लगभग ₹2,100-₹5,100 तक हो सकता है। यह खर्च की सही जानकारी नहीं है। पूजा की सटीक जानकारी के लिए पंडित कैलाश शास्त्री जी के पास कॉल करे।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा त्र्यंबकेश्वर में कैसे बुक करें?
शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा के लिए योग्य पंडितों का मार्गदर्शन और शास्त्रीय विधि का पालन आवश्यक है। यदि आपकी कुंडली में यह दोष है, तो त्र्यंबकेश्वर जाकर इस पवित्र अनुष्ठान को अवश्य करवाएँ। पूजा बुकिंग के लिए आज ही त्र्यंबकेश्वर के अनुभवी पंडित कैलाश शास्त्री जी से संपर्क करें।