Rudrabhishek Puja Trimbakeshwar Nashik

रुद्राभिषेक पूजा त्र्यंबकेश्वर, नाशिक

त्र्यंबकेश्वर में रुद्राभिषेक पूजा एक शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है जो कालसर्प दोष, पितृ दोष, और जीवन की सभी समस्याओं को दूर करता है। त्रिमुखी ज्योतिर्लिंग की पवित्रता और गोदावरी नदी की शक्ति से ओर भी अधिक प्रभावशाली बनती है। त्र्यंबकेश्वर के अनुभवी पंडितों के साथ पूजा बुक करें और शुभ मुहूर्त में इसे सम्पन्न करें। अधिक जानकारी और बुकिंग के लिए नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करें और भगवान शिव की कृपा से अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति लाएँ।

रुद्राभिषेक पूजा क्या है? और इसे क्यों कराना चाहिए?

रुद्राभिषेक पूजा एक विशेष वैदिक अनुष्ठान है जिसमें भगवान शिव के शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद, और अन्य पवित्र सामग्रियों से अभिषेक किया जाता है, साथ ही रुद्र मंत्रों और रुद्राष्टक का जाप होता है। यह पूजा भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और जीवन की विभिन्न समस्याओं का समाधान करने के लिए की जाती है।

  • यह पूजा विशेष रूप से दु:ख, पाप और ग्रह दोष को दूर करती है।

  • कालसर्प दोष, पितृ दोष, शनि और राहु-केतु की पीड़ा में भी यह पूजा लाभकारी होती है।

त्र्यंबकेश्वर, नासिक में रुद्राभिषेक पूजा एक प्रभावी और लाभकारी वैदिक अनुष्ठान है जो कालसर्प दोष, पितृ दोष, और जीवन की अन्य समस्याओं को दूर करता है।

रुद्राभिषेक करने के कारण कौन-कौन से है?

  • कालसर्प दोष निवारण: राहु और केतु के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए यह अनुष्ठान किया जाता है।

  • पितृ दोष निवारण: पूर्वजों के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान रुद्राभिषेक से आसानी से हो जाता है।

  • आर्थिक समृद्धि: व्यापार, नौकरी, और वित्तीय स्थिरता के लिए भी रुद्राभिषेक पूजा प्रभावी मानी जाती है।

  • स्वास्थ्य और शांति: पुरानी बीमारियों, मानसिक तनाव, और सर्प भय से मुक्ति मिलती है।

  • वैवाहिक और पारिवारिक सौहार्द: विवाह में देरी, पारिवारिक विवाद, या संतान सुख की प्राप्ति होती है।

  • आध्यात्मिक उन्नति: भगवान शिव के साथ गहरा आध्यात्मिक संबंध स्थापित करना।

रुद्राभिषेक के प्रकार कौन-कौन से होते है?

त्र्यंबकेश्वर में रुद्राभिषेक पूजा कई प्रकार से सम्पन्न कराई जाती है। कुछ विशेष रुद्राभिषेक इस प्रकार है:

  • सामान्य रुद्राभिषेक: एक पंडित द्वारा जल, दूध, और मंत्रों के साथ पूजा सम्पन्न करायी जाती है। 

  • लघु रुद्राभिषेक: 11 रुद्र पाठ और हवन के साथ ये रुद्राभिषेक किया जाता है।

  • महा रुद्राभिषेक: 121 रुद्र पाठ, विशेष सामग्री, और कई पंडितों द्वारा की जाने वाली ये पूजा महारुद्राभिषेक कहलाती है। 

  • अति रुद्राभिषेक: 1,331 रुद्र पाठ, विशेष रूप से गंभीर दोषों के लिए कराया जाता है। 

त्र्यंबकेश्वर में रुद्राभिषेक पूजा की विधि क्या है?

रुद्राभिषेक पूजा त्र्यंबकेश्वर में 2-4 घंटे का एक वैदिक अनुष्ठान है, जो त्र्यंबकेश्वर मंदिर, कुशावर्त कुंड, या पंडित के पूजा स्थल पर किया जाता है। यहाँ पूजा विधि निम्नलिखित चरणों में सम्पन्न होती है:

  1. पवित्र स्नान: भक्त गोदावरी नदी या कुशावर्त कुंड में स्नान करते हैं ताकि मन और आत्मा शुद्ध हो।

  2. संकल्प: पंडित जी भक्त के नाम, गोत्र, और पूजा के उद्देश्य के साथ संकल्प मंत्र पढ़ते हैं। 

  3. गणेश पूजा: अनुष्ठान की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से होती है ताकि कोई बाधा न आए।

  4. नवग्रह पूजा: नौ ग्रहों को शांत करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप और नवग्रह शांति पूजा की जाती है।

  5. रुद्र अभिषेक: शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल से अभिषेक। रुद्र मंत्र, रुद्राष्टक, और “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप। विशेष सामग्री जैसे बिल्व पत्र, धतूरा, और फूल अर्पित किए जाते हैं।

  6. हवन: पवित्र अग्नि में घी, तिल, चंदन, और जड़ी-बूटियों की आहुति दी जाती है। रुद्र मंत्रों का जाप हवन के दौरान किया जाता है।

  7. पिंड दान (वैकल्पिक): यदि पूजा पितृ दोष निवारण के लिए हो, तो तिल, चावल, और शहद से बने पिंड अर्पित किए जाते हैं।

  8. आरती और प्रसाद: पूजा का समापन भगवान शिव की आरती और प्रसाद वितरण के साथ होता है।

त्र्यंबकेश्वर, नाशिक में रुद्राभिषेक पूजा का खर्च कितना है?

त्र्यंबकेश्वर में रुद्राभिषेक पूजा की लागत पूजा के प्रकार, स्थान, और पंडितों की संख्या पर निर्भर करती है:

  • सामान्य रुद्राभिषेक: ₹2,100–₹3,100 (1 पंडित, सामान्य हॉल)।

  • लघु रुद्राभिषेक: ₹3,100–₹4,000 (11 रुद्र पाठ, सामग्री सहित)।

  • महा रुद्राभिषेक: ₹4,000–₹5,000 (3-5 पंडित, एसी हॉल, भोजन सहित)।

  • अति रुद्राभिषेक: ₹5,000+ (7-11 पंडित, विशेष सामग्री, और आवास)।

त्र्यंबकेश्वर में रुद्राभिषेक पूजा कराने से क्या लाभ मिलते है?

  • कालसर्प दोष निवारण: राहु और केतु के प्रभाव कम होते हैं।

  • पितृ दोष समाधान: पूर्वजों की आत्मा को शांति और परिवार को आशीर्वाद।

  • आर्थिक समृद्धि: व्यापार और करियर में उन्नति।

  • स्वास्थ्य सुधार: पुरानी बीमारियों और मानसिक तनाव से राहत।

  • वैवाहिक सौहार्द: विवाह में देरी और पारिवारिक विवादों का समाधान।

  • आध्यात्मिक शक्ति: भगवान शिव का आशीर्वाद और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

त्र्यंबकेश्वर में रुद्राभिषेक पूजा का महत्व क्या है?

त्र्यंबकेश्वर, नासिक में रुद्राभिषेक पूजा की विशेषता इसकी आध्यात्मिक और वैदिक शक्ति में निहित है। यहाँ कुछ कारण हैं कि यह स्थान इस पूजा के लिए आदर्श क्यों है:

  • त्रिमुखी ज्योतिर्लिंग: त्र्यंबकेश्वर मंदिर में भगवान शिव का त्रिमुखी ज्योतिर्लिंग स्थापित है, जो ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का प्रतीक है। यह पूजा को विशेष रूप से प्रभावशाली बनाता है।

  • गोदावरी नदी और कुशावर्त कुंड: पूजा से पहले गोदावरी नदी या कुशावर्त कुंड में स्नान करने से नकारात्मक ऊर्जाएँ दूर होती हैं और आत्मा शुद्ध होती है।

  • वैदिक प्रामाणिकता: त्र्यंबकेश्वर के ताम्रपत्रधारी पंडित वैदिक विधि-विधान से पूजा संपन्न करते हैं, जो शिव पुराण और रुद्र संहिता में वर्णित है।

  • आध्यात्मिक ऊर्जा: त्र्यंबकेश्वर की पवित्र भूमि और ब्रह्मगिरी पर्वत की सकारात्मक ऊर्जा पूजा के प्रभाव को कई गुना बढ़ाती है।

त्र्यंबकेश्वर में रुद्राभिषेक पूजा के लिए पंडित जी बुक करे?

त्र्यंबकेश्वर में रुद्राभिषेक पूजा करने से ग्रह दोष, नकारात्मक ऊर्जा और जीवन की सभी समस्याएँ दूर होती हैं। यह पूजा आपके मन, परिवार और व्यवसाय में शांति और समृद्धि लाती है। यदि आप अपने जीवन में शांति और सुख-समृद्धि चाहते हैं, तो यह पूजा त्र्यंबकेश्वर में अवश्य करें। पूजा बुकिंग के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और पूजा के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करें। आज ही त्र्यंबकेश्वर के अनुभवी पंडित कैलाश शास्त्री जी से संपर्क करें।