कालसर्प दोष की पूजा कहाँ होती है कालसर्प दोष की पूजा कहाँ होती है?
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कालसर्प दोष की पूजा कहाँ होती है?

कालसर्प दोष निवारण पूजा एक विशेष प्रकार की पूजा है, जिसे भारत के विभिन्न पवित्र स्थानों पर आयोजित किया जाता है। यह पूजा प्राचीन वैदिक विधियों के अनुसार कुंडली में कालसर्प दोष के निवारण के लिए की जाती है। कालसर्प दोष निवारण के लिए भारत में कई पवित्र स्थान प्रसिद्ध हैं, जहां विशेष पूजा विधियों द्वारा इस दोष का समाधान किया जाता है। आज इस लेख के माध्यम से जानेंगे की कालसर्प दोष की पूजा कहाँ होती है, और साथ ही जानेंगे की किस स्थान पर पूजा करने का विशेष महत्व है?

कालसर्प दोष की पूजा निम्न स्थानो पर की जाती है-

  1. त्र्यंबकेश्वर – महाराष्ट्र मे स्थ्ति नासिक जिले मे स्थ्ति त्र्यंबकेश्वर मंदिर मे भी कालसर्प दोष की पूजा की जाती है।
  2. उज्जैन – मध्यप्रदेश मे बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन मे कालसर्प दोष निवारण की पूजा की जाती है।
  3. हरिद्वार – पवित्र नदी गंगा के किनारे स्थित हरिद्वार मे पवित्र जल और मंत्रो के माध्यम से कालसर्प दोष की पूजा की जाती है।
  4. काशी – उत्तरप्रदेश मे स्थित काशी मे कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए पूजा की जाती है।

त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष निवारण पूजा का महत्व-

त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है, और यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह स्थान कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष निवारण पूजा मुख्यतः मंदिर परिसर और उसके आसपास के पवित्र स्थानों पर होती है। यहां भगवान शिव के त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा और कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

कालसर्प दोष पूजा विधि

त्र्यंबकेश्वर मे की जाने कालसर्प दोष की पूजा विधि मे निम्नलिखित चरण होते है

  • पूजा से पहले पूजा स्थल को शुद्ध किया जाता है।
  • पूजा के लिए संकल्प लिया जाता है।
  • राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को समाप्त करने के लिए राहु और केतु के शांति मंत्रो का जाप किया जाता है।
  • नाग देवता की पूजा की जाती है।
  • शिवलिंग पर पंचामृत या गंगाजल से अभिषेक किया जाता है।
  • अभिषेक के पश्चात हवन किया जाता है।
  • पूजा के अंत मे गरीबो को दान दिया जाता है।

त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा के लिए ध्यान रखने योग्य बाते –

  1. पूजा के लिए त्र्यंबकेश्वर में पहले से बुकिंग करें।
  2. मंदिर परिसर के पास ठहरने और भोजन की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित करें।
  3. अपने साथ कुंडली और गोत्र की जानकारी जरूर रखें।
  4. पूजा का समय प्रातःकाल या शुभ मुहूर्त में रखें।
  5. पूजा से एक दिन पहले या पूजा से पहले त्र्यंबकेश्वर पहुँचे।

त्र्यंबकेश्वर मे कालसर्प दोष पूजा के फायदे

त्र्यंबकेश्वर मे कालसर्प दोष पूजा से होने वाले लाभ निम्नलिखित है-

  • यहा की गयी पूजा से जीवन मे सुख शांति मे वृद्धि होती है।
  • भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • कालसर्प दोष के कारण आ रही सभी समस्याए समाप्त होती है।
  • पूजा के बाद मानसिक शांति मिलती है।
  • जीवन मे सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव मिलता है।

त्र्यंबकेश्वर मे कालसर्प दोष कैसे बुक करे?

  • सबसे पहले पंडित कैलाश शास्त्री जी से वेबसाइट या आधिकारिक नंबर के ज़रिए संपर्क करें।
  • पंडित जी को अपनी कुंडली का विवरण दें।
  • अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान का विवरण दें।
  • पंडित जी से पूजा का समय तय करें।
  • पूजा से एक दिन पहले या पूजा से पहले त्र्यंबकेश्वर पहुँचे।

पंडित कैलाश शास्त्री कौन हैं?

पंडित कैलाश शास्त्री त्र्यंबकेश्वर के प्रसिद्ध विद्वान और अनुभवी पंडित हैं, जिन्हें 9 से अधिक वर्षों से शुभ और धार्मिक अनुष्ठान करवाने का अनुभव है। उन्हें शास्त्रों और वैदिक विधियों का गहरा ज्ञान है। उनकी पूजा की विधि बहुत ही सरल, पवित्र और प्रभावशाली है। पंडित जी ने अब तक कई लोगों की कुंडली से दोषों को दूर किया है।

पंडित कैलाश शास्त्री जी से कैसे संपर्क करें?

यदि आप भी अपने जीवन में कालसर्प दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आज ही पंडित कैलाश शास्त्री जी से संपर्क करें।

  • कॉल करें: 8421048228
  • व्हाट्सएप पर संदेश भेजें: 8421048228
  • ईमेल करें: [email protected]

पंडित जी के साथ कालसर्प दोष निवारण पूजा कराकर, आप अपने जीवन की समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। पूजा के बाद जीवन मे सुख शांति मे वृद्धि होती है।

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