कालसर्प दोष के प्रकार कितने होते है?

कालसर्प दोष के प्रकार जानिए: कौन सा दोष आपकी कुंडली को कर रहा है प्रभावित?

कालसर्प दोष पिछले जन्मों के कर्मों, विशेष रूप से सर्प को हानि पहुँचाने से उत्पन्न हो सकता है और जीवन में कई तरह की बाधाएँ लाता है, जैसे आर्थिक तंगी, वैवाहिक समस्याएँ, करियर में रुकावटें, और मानसिक अशांति। कालसर्प दोष के 12 प्रकार होते हैं, प्रत्येक का प्रभाव और लक्षण अलग-अलग होता है। यदि दोष का प्रकार पहचान कर सही पूजा और उपाय किए जाएं तो यह दोष शांत हो सकता है।

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कालसर्प दोष के 12 प्रकार जीवन के विभिन्न क्षेत्रो को प्रभावित करते हैं, लेकिन त्र्यंबकेश्वर, नासिक में कालसर्प दोष पूजा के माध्यम से इनका निवारण संभव है। प्रत्येक प्रकार के दोष के अपने लक्षण और प्रभाव होते हैं, जिन्हें कुंडली विश्लेषण से पहचाना जा सकता है। त्र्यंबकेश्वर की पवित्र भूमि, गोदावरी नदी, और ज्योतिर्लिंग की शक्ति इस पूजा को ओर विशेष बनाती है।

Contents

1. अनंत कालसर्प दोष (Anant Kaal Sarp Dosh) – विवाह और पारिवारिक सुख में रुकावट

  • यह दोष तब बनता है जब राहु लग्न भाव (पहला घर) में और केतु सप्तम भाव (सातवां घर) में होता है।
  • इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को विवाह में देरी, पारिवारिक कलह और जीवनसाथी से असंतोष का सामना करना पड़ सकता है।

2. कुलिक कालसर्प दोष (Kulik Kaal Sarp Dosh) – दुर्घटनाओं और अचानक संकट का योग

  • जब राहु द्वितीय भाव में और केतु अष्टम भाव में हो, तब यह दोष बनता है।
  • यह दोष अचानक आर्थिक हानि, दुर्घटना या शारीरिक पीड़ा ला सकता है।

3. वासुकी कालसर्प दोष (Vasuki Kaal Sarp Dosh) – करियर और धन में रुकावट

  • राहु तृतीय भाव में और केतु नवम भाव में हो, तो यह दोष बनता है।
  • इस दोष से व्यक्ति के प्रयास बार-बार असफल हो सकते हैं और करियर में स्थिरता नहीं रहती।

4. शंखपाल कालसर्प दोष (Shankhpal Kaal Sarp Dosh) – पारिवारिक और मानसिक तनाव

  • जब राहु चतुर्थ भाव में और केतु दशम भाव में हो, तो यह दोष बनता है।
  • इसका असर घर-परिवार में क्लेश, मानसिक तनाव और नौकरी में अस्थिरता के रूप में दिखता है।

5. पद्म कालसर्प दोष (Padma Kaal Sarp Dosh) – स्वास्थ्य और आर्थिक समस्याओं का कारण

  • राहु पंचम भाव में और केतु एकादश भाव में होने पर यह दोष बनता है।
  • व्यक्ति को संतान सुख में बाधा, आर्थिक उतार-चढ़ाव और बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

6. महापद्म कालसर्प दोष (Mahapadma Kaal Sarp Dosh) – जीवन में बार-बार रुकावट

  • राहु षष्ठ भाव में और केतु द्वादश भाव में होने पर यह दोष बनता है।
  • यह व्यक्ति के जीवन में बड़ी-बड़ी रुकावटें, कर्ज और मुकदमेबाजी ला सकता है।

7. तक्षक कालसर्प दोष (Takshak Kaal Sarp Dosh) – वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में अस्थिरता

  • राहु सप्तम भाव में और केतु प्रथम भाव में हो, तब यह दोष बनता है।
  • यह व्यक्ति के विवाहिक जीवन में तनाव और समाज में प्रतिष्ठा पर असर डाल सकता है।

8. कर्कोटक कालसर्प दोष (Karkotak Kaal Sarp Dosh) – गुप्त शत्रु और आर्थिक हानि

  • राहु अष्टम भाव में और केतु द्वितीय भाव में हो, यह दोष बनता है।
  • यह अचानक धन हानि, शत्रु बाधा और कानूनी उलझनें पैदा कर सकता है।

9. शंखचूड़ कालसर्प दोष (Shankhchood Kaal Sarp Dosh) – करियर और जीवन में असफलता

  • राहु नवम भाव में और केतु तृतीय भाव में हो, तो यह दोष बनता है।
  • यह व्यक्ति की किस्मत को कमजोर कर देता है और मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती।

10. घटक कालसर्प दोष (Ghatak Kaal Sarp Dosh) – कोर्ट केस और कानूनी परेशानियां

  • राहु दशम भाव में और केतु चतुर्थ भाव में हो, यह दोष बनता है।
  • यह व्यक्ति को कानूनी मामलों, सरकारी दिक्कतों और सामाजिक विवादों में फंसा सकता है।

11. विषधर कालसर्प दोष (Vishdhar Kaal Sarp Dosh) – अचानक दुर्घटना और असफलता

  • राहु एकादश भाव में और केतु पंचम भाव में हो, यह दोष बनता है।
  • यह व्यक्ति के जीवन में अचानक असफलता, धन हानि और रिश्तों में तनाव लाता है।

12. शेषनाग कालसर्प दोष (Sheshnag Kaal Sarp Dosh) – जीवन में स्थिरता की कमी

  • राहु द्वादश भाव में और केतु षष्ठ भाव में हो, यह दोष बनता है।
  • यह व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता, विदेश में परेशानियां और पारिवारिक कठिनाई देता है।

कालसर्प दोष की पहचान कैसे करें और कब कराएं इसकी पूजा?

  • कुंडली में ग्रहों की स्थिति देखकर ही सटीक पहचान संभव है।
  • यदि जीवन में बार-बार असफलता, आर्थिक संकट, पारिवारिक कलह या मानसिक तनाव है, तो अनुभवी पंडित से परामर्श जरूर लें।
  • त्र्यंबकेश्वर (नासिक) जैसे ज्योतिर्लिंग स्थलों पर कालसर्प दोष पूजा करवाना सबसे शुभ माना जाता है।

त्र्यंबकेश्वर में काल सर्प दोष पूजा है सबसे प्रभावी निवारण उपाय

कालसर्प दोष के किसी भी प्रकार के निवारण के लिए त्र्यंबकेश्वर, नासिक में कालसर्प दोष पूजा सबसे प्रभावी मानी जाती है। यहाँ पूजा की विशेषताएँ हैं:

त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा विधि

Kaal Sarp Puja Nashik
Kaal Sarp Dosh Nivaran Puja
  • गोदावरी नदी या कुशावर्त कुंड में स्नान।
  • गणेश पूजा, नवग्रह पूजा, और रुद्र अभिषेक।
  • राहु-केतु मंत्र जाप और हवन।
  • चांदी का सर्प दान और पिंड दान।

त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा कराने के क्या लाभ है?

  • बाधाओं का निवारण: करियर, विवाह, और स्वास्थ्य में रुकावटें कम होती हैं।
  • आर्थिक स्थिरता: धन संचय और व्यापार में उन्नति।
  • मानसिक शांति: सर्प भय और बुरे सपनों से मुक्ति।
  • पारिवारिक सौहार्द: रिश्तों में सुधार और संतान सुख।
  • आध्यात्मिक उन्नति: भगवान शिव और पितरों का आशीर्वाद।

त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा की बुकिंग कैसे करें?

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