सावन में त्र्यंबकेश्वर कालसर्प दोष पूजा बुकिंग कैसे करें?
महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां पर शिव के साथ ब्रह्मा और विष्णु की मूर्तियाँ भी एक ही शिवलिंग में विराजमान हैं, जो इसे अत्यंत शक्तिशाली और विशेष बनाता है। त्र्यंबकेश्वर को विशेष रूप से पितृ दोष, कालसर्प दोष और ग्रह बाधाओं के निवारण का सर्वोत्तम तीर्थ माना गया है।
सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है, क्योंकि इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा-आराधना की जाती है और नासिक का त्र्यंबकेश्वर मंदिर कालसर्प पूजा के लिए सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है।
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कालसर्प पूजा क्या है? त्र्यंबकेश्वर में पूजा का महत्व
कालसर्प दोष एक ज्योतिषीय स्थिति है, जो तब होती है जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। यह दोष जीवन में कई तरह की बाधाएं, जैसे करियर में रुकावट, स्वास्थ्य समस्याएं, या पारिवारिक कलह, उत्पन्न कर सकता है। कालसर्प पूजा इस दोष के प्रभाव को कम करने और जीवन में सुख-शांति लाने के लिए की जाती है।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। यह मंदिर अपनी विशेष वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहाँ का ज्योतिर्लिंग तीन मुखों वाला है, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है। सावन के महीने में यहाँ का वातावरण भक्ति और ऊर्जा से भर जाता है। मंदिर गोदावरी नदी के उद्गम स्थल के पास स्थित है, जो इसे और भी पवित्र बनाता है।
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, और त्र्यंबकेश्वर मंदिर, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, इस पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दौरान मंदिर में भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है, और पूजा का प्रभाव भी अधिक होता है।
सावन में कालसर्प पूजा का महत्व क्या है?
सावन का महीना शिवभक्तों के लिए सबसे शुभ और शक्तिशाली समय होता है। सावन भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है। इस दौरान किए गए अनुष्ठान और पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है। कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए यह समय विशेष रूप से लाभकारी होता है, क्योंकि शिव की कृपा से सभी नकारात्मक प्रभाव दूर हो सकते हैं।
सावन में त्र्यंबकेश्वर में पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आर्थिक स्थिरता, और पारिवारिक सुख प्राप्त हो सकता है। सावन मास में त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा कराना एक अत्यंत शुभ और प्रभावी उपाय है, जो न केवल कुंडली के दोषों को शांत करता है, बल्कि आपके जीवन में नई ऊर्जा और समृद्धि का संचार करता है।
सावन में कालसर्प पूजा के लिए शुभ तिथियां (2025)
- प्रत्येक सावन सोमवार : शिव के दिन विशेष फलदायी
- नाग पंचमी (9 अगस्त)सावन शुक्ल पंचमी : नाग देवताओं की कृपा प्राप्त करने का अवसर
- अमावस्या या ग्रहण के बाद के दिन
- गुरुवार और सोमवार का संयोग
त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा खर्च कितना है?
- मूल पूजा: ₹2,500 – ₹5,500 (संकल्प, मंत्र जाप, पूजा सामग्री के साथ पूजा खर्च)
- विशेष पैकेज: ₹5,100 + (हवन, विशेष अभिषेक, नाग स्थापना सहित)
त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा विधि
- ब्राह्मण भोजन और दान
- संकल्प और नाम-गोत्र उच्चारण
- नागदेवता, राहु-केतु और कुलदेवता पूजन
- विशेष कालसर्प मंत्रों का जाप (108 बार या अधिक)
- कालसर्प दोष निवारण हवन
- त्र्यंबकेश्वर शिवलिंग पर रुद्राभिषेक
- नागनागिन की प्रतीकात्मक स्थापना और पूजा
त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प पूजा कैसे बुक करें?
यह एक सीमित समय का अवसर है, जो 22 जुलाई से 19 अगस्त 2025 तक उपलब्ध रहेगा। तो देर न करें, आज ही अपनी पूजा बुक करें और कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों से छुटकारा पाएँ।
बुकिंग के लिए आप स्थानीय पंडितों से संपर्क कर सकते हैं या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे और दोष का निवारण कराये।