शेषनाग कालसर्प दोष क्या है? प्रभाव, उपाय, पूजा, खर्च और बुकिंग
शेषनाग कालसर्प दोष तब बनता है जब राहु 12वें भाव (व्यय स्थान) में और केतु 6वें भाव (शत्रु स्थान) में स्थित होते हैं और बाकी सभी ग्रह इनके बीच में आ जाते हैं। यह दोष अत्यंत प्रभावशाली और मानसिक, आर्थिक तथा स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को जन्म देने वाला माना जाता है।
शेषनाग कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में लगातार खर्चों की अधिकता, मानसिक अशांति, गुप्त शत्रुओं से परेशानी, कानूनी विवाद, नींद की कमी, अनिद्रा, और आत्म-विश्वास में गिरावट जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है।
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शेषनाग कालसर्प दोष के प्रभाव क्या है?
शेषनाग कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को करियर में रुकावट, वित्तीय नुकसान, स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं (विशेषकर पेट, तंत्रिका तंत्र, या सिरदर्द), पारिवारिक कलह, और कानूनी विवादों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, व्यक्ति को आत्मविश्वास की कमी, निर्णय लेने में असमर्थता, और अकारण भय जैसी मानसिक समस्याएं भी होती हैं।
इसके प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में बार-बार विदेशी यात्राओं में रुकावटें, अप्रत्याशित आर्थिक हानि, और मानसिक अवसाद का अनुभव हो सकता है। इस दोष के चलते किसी भी कार्य में स्थिरता नहीं रहती और मेहनत के अनुरूप फल भी नहीं मिलता। यह दोष पितृदोष या कर्मिक ऋणों से भी जुड़ा होता है, जिससे आध्यात्मिक प्रगति अवरुद्ध होती है।
शेषनाग कालसर्प दोष के चमत्कारिक उपाय
त्र्यंबकेश्वर में पूजा: इस दोष के निवारण के लिए त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (नासिक, महाराष्ट्र) में विशेष कालसर्प शांति पूजा की जाती है। यहां नागमंडल पूजा और महामृत्युंजय मंत्र के जाप के साथ राहु-केतु की शांति की प्रक्रिया की जाती है।
मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय”, “ॐ ह्रीं केतवे नमः”, और “ॐ रां राहवे नमः” का नियमित जाप।
दान एवं सेवा: काले तिल, काला कंबल, लोहे की वस्तुएं, या गुड़ दान करना शुभ माना जाता है।
रत्न धारण: गोमेद (राहु) और लहसुनिया (केतु) रत्न विशेषज्ञ की सलाह से पहनें।
शेषनाग कालसर्प दोष निवारण पूजा त्र्यंबकेश्वर मे कैसे कराये?
यह सबसे प्रभावी उपाय है, जिसमें राहु और केतु को शांत करने के लिए विशेष मंत्रों और अनुष्ठानों का उपयोग किया जाता है।इस दोष के निवारण के लिए त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष शांति पूजा अत्यंत प्रभावशाली उपाय माना जाता है, जो विशेष रूप से त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र) या उज्जैन (मध्य प्रदेश) जैसे सिद्ध शिवस्थलों पर की जाती है।
इस पूजा में राहु-केतु की विशेष मंत्रों से शांति, नाग-नागिन की चांदी की प्रतिमा का पूजन, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, पितृ तर्पण और नागबली जैसी प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। पूजा प्रायः एक दिन में संपन्न होती है, और ब्राह्मणों द्वारा विधिपूर्वक सम्पन्न कराई जाती है। इसे करने से व्यक्ति को मानसिक राहत, शत्रु बाधा से मुक्ति, आर्थिक स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्राप्त होता है।
शेषनाग कालसर्प दोष पूजा की पूजा-विधि
- प्रारंभिक संस्कार: गोदावरी नदी में स्नान और शुद्धिकरण।
- शिवलिंग अभिषेक: दूध, घी, शहद, और बेलपत्र से त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग का अभिषेक।
- नाग पूजन: चांदी, तांबे, और सोने की नागमूर्तियों की स्थापना कर षोडशोपचार पूजा।
- हवन एवं मंत्र जाप: 108 बार महामृत्युंजय मंत्र और कालसर्प सूक्त का पाठ।
- विसर्जन: नागमूर्तियों को गोदावरी नदी में प्रवाहित करना।
त्र्यंबकेश्वर में शेषनाग कालसर्प दोष पूजा खर्च कितना आता है?
शेषनाग कालसर्प दोष पूजा के लिए खर्च की बात करें, तो त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष शांति पूजा का शुल्क सामान्यतः ₹2,100 से लेकर ₹7,000 या उससे अधिक तक हो सकता है, जो पंडितजी के अनुभव, पूजा की विस्तृतता, सामग्री और स्थान पर निर्भर करता है।
शेषनाग कालसर्प दोष पूजा बुकिंग त्र्यंबकेश्वर
त्र्यंबकेश्वर के प्रमुख मंदिरों के पंडित अपने वेबसाइट, व्हाट्सएप या फोन नंबर के माध्यम से पूजा बुकिंग करते हैं। बुकिंग के समय आपको जन्म कुंडली की प्रतिलिपि, नाम, गोत्र और पूजा की तिथि बतानी होती है। यदि आप त्र्यंबकेश्वर में पूजा बुक करना चाहते है तो नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करे और पूजा संबन्धित जानकारी प्राप्त करें।