नारायण नागबली पूजा त्र्यंबकेश्वर
त्र्यंबकेश्वर मे नारायण नागबली पूजा के लिए आप पंडित कैलाश शास्त्री जी से संपर्क कर सकते है। पंडित जी को पूजा और अनुष्ठान करने का 11वर्षो से अधिक का अनुभव प्राप्त है। पंडित जी द्वारा की जाने वाली पूजा वैदिक पद्धति के अनुसार ही की जाती है। पूजा के लिए समस्त आवश्यक सामग्री की व्यवस्था पंडित जी द्वारा कर ली जाती है, ताकि आप बिना किसी चिंता या तनाव के पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ अपनी पूजा पूर्ण कर सके।
- व्यक्तिगत पूजा
- कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं
- पूर्ण सामग्री सहित
- निशुल्क बुकिंग
नारायण नागबलि पूजा क्या होती है?
नारायण नागबली पूजा पितृ दोष को समाप्त करने के लिए की जाती है। यह पूजा तीन दिन मे पूरी होती है। यह पूजा पितरो की आत्माओ की मुक्ति के लिए की जाती है। यह पूजा कुंडली से नाग (सर्प) दोष को के दुष्प्रभाव को भी समाप्त करती है। यह पूजा अहिल्या गोदावरी संगम, सती महा-श्मशान और नासिक में त्र्यंबकेश्वर मंदिर के पास की जाती है। यह पूजा करने से पितरो का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नारायण नागबली पूजा से फायदे -
नारायण नागबली की पूजा से होने वाले लाभ निम्नलिखित है –
- नारायण नागबली पूजा करने से पितृ दोष दूर होता है।
- पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
- इससे सांप की हत्या के पाप से मुक्ति मिलती है।
- अकाल मृत्यु से मरने वाले व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है।
- व्यापार में सफलता न मिलना, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और विवाह में रुकावट जैसी समस्याए भी दूर होती हैं।
नारायण नागबली पूजा किसे करनी चाहिए?
नारायण नागबली पूजा विशेष रूप से उन लोगों द्वारा की जानी चाहिए, जो निम्नलिखित समस्याओं का सामना कर रहे है-
- मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है।
- आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।
- संतान प्राप्ति में परेशानी आ रही है।
- सपने में बार-बार मृत रिश्तेदार का दिखना।
- घर में सुख शांति नहीं रहती।
नारायण नागबली पूजा किस समय की जानी चाहिए?
पूजा की तिथि हिन्दू पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाती है। यह पूजा वर्ष में कभी भी की जा सकती है। किन्तु वर्ष में कुछ विशेष दिन और शुभ मुहूर्त होते हैं, जिन पर पूजा करने से पूजा का प्रभाव बड़ जाता है। नारायण नागबली पूजा के लिए ये दिन उपयुक्त हैं।
- पितृ पक्ष
- अमावस्या
- पुर्णिमा
- मासिक शिवरात्रि और महा शिवरात्रि
- सावन (श्रावण) माह
- दशहरा
- अक्षय तृतीया
- मकर संक्रांति
त्र्यंबकेश्वर नारायण नागबली पूजा तिथियाँ – 2025
माह | आरंभ तिथि | वार | तिथि / चंद्र स्थिति | विशेष जानकारी |
---|---|---|---|---|
जनवरी | 10, 24 | शुक्रवार | शुक्ल पंचमी, कृष्ण एकादशी | पितृ कार्य हेतु शुभ |
फरवरी | 7, 21 | शुक्रवार | शुक्ल व कृष्ण द्वादशी | नाग दोष निवारण हेतु |
मार्च | 7, 21 | शुक्रवार | द्वादशी / एकादशी | तीनों पूजा हेतु श्रेष्ठ |
अप्रैल | 4, 18 | शुक्रवार | कृष्ण एकादशी, पंचमी | त्रिपिंडी श्राद्ध हेतु |
मई | 2, 16, 31 | शुक्र / शनिवार | त्रयोदशी, दशमी, द्वितीया | शांत वातावरण में पूजन |
जून | 13, 27 | शुक्रवार | नवमी, प्रतिपदा | अमावस्या के बाद शुभ समय |
जुलाई | 11, 25 | शुक्रवार | त्रयोदशी, एकादशी | कर्म बंधन मुक्ति के लिए |
अगस्त | 8, 22 | शुक्रवार | नवमी, पंचमी | नाग पंचमी काल |
सितंबर | 5, 19 | शुक्रवार | प्रतिपदा, त्रयोदशी | पितृ पक्ष प्रारंभ व मुख्य काल |
अक्टूबर | 3, 17 | शुक्रवार | एकादशी, पंचमी | पूर्वजों की शांति हेतु |
नवंबर | 14, 28 | शुक्रवार | पंचमी, द्वादशी | दीपावली के बाद श्रेष्ठ काल |
दिसंबर | 12, 26 | शुक्रवार | पंचमी, द्वादशी | वर्षांत की पवित्रता हेतु |
पूजा की तिथि हिन्दू पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाती है। यह पूजा वर्ष में कभी भी की जा सकती है। किन्तु वर्ष में कुछ विशेष दिन और शुभ मुहूर्त होते हैं, जिन पर पूजा करने से पूजा का प्रभाव बड़ जाता है। नारायण नागबली पूजा के लिए ये दिन उपयुक्त हैं।
- पितृ पक्ष
- अमावस्या
- पुर्णिमा
- मासिक शिवरात्रि और महा शिवरात्रि
- सावन (श्रावण) माह
- दशहरा
- अक्षय तृतीया
- मकर संक्रांति
नारायण नागबली पूजा की विधि?
- समय निर्धारण – सबसे पहले हिंदू पंचांग के अनुसार पूजा का समय निर्धारित किया जाता है।
- पूजा की अवधि – यहां पूजा 3 दिनों तक चलती है।
- पवित्र स्नान – पूजा से पहले पवित्र नदी गोदावरी में स्नान करना आवश्यक है। स्नान के बाद पूजा के लिए आवश्यक वस्त्र पहनने (धारण) होते हैं।
- नारायण बलि पूजा – इस पूजा में नारायण देवता की पूजा की जाती है। पूजा मे अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है।
- नाग बलि पूजा – बुरी आत्माओं को शांत करने के लिए नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है। इसमें नाग देवता की मूर्ति का उपयोग करके नाग देवता की पूजा की जाती है और मंत्रों के माध्यम से बुरी आत्माओं को शांत किया जाता है। यह पूजा नाग दोष को भी समाप्त करती है।
त्र्यंबकेश्वर नारायण नागबली पूजा मे कितना खर्च आता है?
यह पूजा 3 दिनों तक चलती है और केवल योग्य एवं अनुभवी पंडितों द्वारा त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में की जाती है।
इस पूजा का पूर्ण खर्च ₹8100/- है, जिसमें सभी सामग्री (सामग्री, पूजा का सामान, कपड़े, यज्ञोपवित आदि) सम्मिलित होती है। श्रद्धालु को अलग से कुछ लाने की आवश्यकता नहीं होती — सभी आवश्यक वस्तुएँ पंडितजी द्वारा प्रदान की जाती हैं। यह राशि तीन दिन की संपूर्ण पूजा प्रक्रिया को कवर करती है।
👉 यह पूजा विशेष रूप से पितृ दोष निवारण, नाग दोष, एवं पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है।