कालसर्प दोष पूजा मुहूर्त 2026। त्र्यंबकेश्वर में पूजा के शुभ दिन व तिथियाँ कौन-सी है?
कालसर्प दोष कुंडली का वह गंभीर दोष है जो जीवन में बार-बार रुकावटें, असफलताएं और मानसिक तनाव लाता है। इसका सबसे प्रभावी निवारण त्रिंबकेश्वर में विधि-विधान से पूजा कराना है। कालसर्प दोष शांति पूजा के लिए सही मुहूर्त का चयन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या, नाग पंचमी और विशेष ग्रह योग में की गई कालसर्प दोष पूजा जल्दी और प्रभावी फल देती है।
यदि आप 2026 में त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा कराने की योजना बना रहे हैं, तो आज ही नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और पूजा के बारें में पूरी जानकारी प्राप्त करें। पंडित कैलाश शास्त्री जी को पूजा-अनुष्ठान में कई वर्षों का अनुभव प्राप्त है, अभी कॉल करें।
Contents
- 1 कालसर्प दोष पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्यों जरूरी है?
- 2 2026 में कालसर्प दोष पूजा के शुभ मुहूर्त व दिन कौन-कौन से है?
- 3 त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा का श्रेष्ठ समय क्या है?
- 4 2026 में कालसर्प दोष पूजा किसे करानी चाहिए?
- 5 त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा क्यों करें?
- 6 कालसर्प दोष पूजा की विधि क्या है?
- 7 कालसर्प दोष पूजा के बाद मिलने वाले लाभ कौन-से है?
- 8 कालसर्प दोष पूजा बुकिंग कैसे करें जाने पूरी जानकारी?
कालसर्प दोष पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्यों जरूरी है?
कालसर्प दोष का संबंध राहु और केतु से होता है। अमावस्या और नाग पंचमी जैसे दिनों में राहु-केतु की ऊर्जा अधिक सक्रिय मानी जाती है, इसलिए इन तिथियों में की गई पूजा से:
- दोष का प्रभाव जल्दी शांत होता है
- पूजा का फल दीर्घकाल तक रहता है
- मानसिक और कर्मिक बाधाएँ कम होती हैं
2026 में कालसर्प दोष पूजा के शुभ मुहूर्त व दिन कौन-कौन से है?
1. 2026 की विशेष अमावस्या तिथियाँ
अमावस्या को कालसर्प दोष पूजा के लिए सर्वोत्तम माना गया है। इन तिथियों में त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा कराने से विशेष लाभ मिलता है।
- 18 जनवरी 2026 – अमावस्या
- 19 मार्च 2026 – अमावस्या
- 17 अप्रैल 2026 – अमावस्या
- 16 मई 2026 – अमावस्या
- 14 अगस्त 2026 – अमावस्या
- सितंबर 2026 – पितृ पक्ष अमावस्या
- 10 दिसंबर 2026 – अमावस्या
2. नाग पंचमी – विशेष कालसर्प दोष पूजा मुहूर्त
नाग पंचमी: नाग पंचमी का दिन सर्प दोष, कालसर्प दोष और राहु-केतु शांति के लिए सबसे शक्तिशाली दिन माना जाता है।
3. श्रावण मास 2026
श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित होता है। श्रावण के सोमवार और अमावस्या विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं इस दौरान की गई पूजा:
- शिव कृपा प्राप्त करती है
- राहु-केतु दोष शांत होते हैं
- पूजा का प्रभाव शीघ्र दिखाई देता है
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त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा का श्रेष्ठ समय क्या है?
- सुबह 6:00 से 11:00 बजे के बीच
- पंडित द्वारा निर्धारित शुभ लग्न में
- कुंडली के अनुसार व्यक्तिगत मुहूर्त सबसे उत्तम
2026 में कालसर्प दोष पूजा किसे करानी चाहिए?
- जिनकी कुंडली में पूर्ण या आंशिक कालसर्प दोष हो
- जिनके जीवन में बार-बार बाधाएँ आ रही हों
- विवाह, करियर या संतान में समस्या हो
- मानसिक तनाव और डर बना रहता हो।
त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा क्यों करें?
- त्र्यंबकेश्वर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है
- यहीं से गोदावरी नदी का उद्गम होता है
- पूजा वैदिक विधि से अनुभवी पंडितों द्वारा होती है
- कालसर्प दोष निवारण के लिए यह सबसे प्रसिद्ध स्थान है।
कालसर्प दोष पूजा की विधि क्या है?
- संकल्प और गणेश पूजा
- नाग देवता और राहु-केतु पूजन
- कालसर्प शांति मंत्र जाप
- हवन और पूर्णाहुति
पूजा समय: लगभग 2.5 से 3.5 घंटे
कालसर्प दोष पूजा के बाद मिलने वाले लाभ कौन-से है?
- जीवन की रुकावटें कम होने लगती हैं
- करियर और धन में सुधार
- विवाह और पारिवारिक जीवन में शांति
- मानसिक स्थिरता और आत्मविश्वास
कालसर्प दोष पूजा बुकिंग कैसे करें जाने पूरी जानकारी?
- पूजा से पहले तिथि और मुहूर्त तय किया जाता है
- अनुभवी त्र्यंबकेश्वर पंडित द्वारा पूजा कराई जाती है
- पूजा सामग्री सामान्यतः पैकेज में शामिल रहती है
- विशेष तिथियों (अमावस्या, नाग पंचमी) पर पहले से बुकिंग जरूरी होती है।
2026 में कालसर्प दोष पूजा के लिए अमावस्या, नाग पंचमी और श्रावण मास सबसे शुभ माने गए हैं। यदि आप सटीक और प्रभावी परिणाम चाहते हैं, तो त्र्यंबकेश्वर में सही मुहूर्त पर कालसर्प दोष पूजा अवश्य कराएँ। पूजा बुकिंग के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और अपनी पूजा बुक करें।